2024 festival calendar पूरी दुनिया में त्योहारों की एक चमकदार झड़ी बिछाने को तैयार है, जहां आप विविध संस्कृतियों और परंपराओं के रंगारंग अनुभव का आनंद ले सकते हैं। प्राचीन हिंदू उत्सव जैसे भारत का मकर संक्रांति और होली, से लेकर रियो और वेनिस के कार्निवल के शानदार जुलूसों तक, हर किसी के स्वाद के लिए एक त्योहार है। वसंत विषुव को फूलों के नृत्य और अलाव के साथ मनाएं, या सेंट पैट्रिक डे और जूनटेथ के जीवंत उत्साह के साथ गर्मियों में कदम रखें।
2024 festival calendar फ्रांस में बसतील्ले डे और अमेरिका में स्वतंत्रता दिवस के साथ इतिहास में झांकें, या पृथ्वी दिवस और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के साथ हमारे ग्रह के बारे में चिंतन करें। जब शरद ऋतु पत्तियों को रंग देती है, तो हेलोवीन की ट्रिक-या-ट्रीटिंग के हर्षोन्माद में शामिल हों, और जैसे-जैसे साल समाप्त होता है, दिवाली और क्रिसमस की टिमटिमती रोशनी से अंधकार को रोशन करें। 2024 festival calendar विविध सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों को तलाशने, संबंध बनाने और मानव भावना को उसके सभी वैभव में मनाने का निमंत्रण है। तो, अपनी जिज्ञासा और आवारागिरदी का बस्ता पैक करें और तैयार हो जाएं 2024 festival calendar त्योहारों के रोमांच से भरपूर है
List of Indian 2024 festival calendar
- 1 जनवरी: अक्षय तुरीया एकादशी – व्रत और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ दिन।
- 4-10 जनवरी: खमास – हिंदुओं के लिए अशुभ दिनों का कालखंड।
- 11 जनवरी: पौष अमावस्या – पौष महीने का नया चंद्रमा दिवस।
- 13 जनवरी: लोहड़ी – पंजाबी फसल उत्सव, जो सर्दियों के अंत का प्रतीक है।
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति – पतंग उत्सव जो पूरे भारत में मनाया जाता है।
- 15 जनवरी: पोंगल – तमिलनाडु में मनाया जाने वाला फसल उत्सव।
- 24 जनवरी: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी – भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में व्रत का दिन।
- 28-30 जनवरी: कलाष्टमी – देवी दुर्गा को समर्पित शुभ कालखंड।
- 31 जनवरी: सफला एकादशी – व्रत और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ दिन।
- 5 फरवरी: वसंत पंचमी – वसंत और ज्ञान का त्योहार, पीले वस्त्र और सरस्वती पूजा के साथ मनाया जाता है।
- 14-20 फरवरी: महा शिवरात्रि (14 फरवरी) – भगवान शिव की पूजा, व्रत और जप के साथ मनाया जाता है। इसके बाद पंचग्रही कालखंड आता है जो भगवान शिव को समर्पित होता है।
- 27 फरवरी: रथ सप्तमी – सूर्य देवता को समर्पित रथ यात्रा का त्योहार।
- 4 मार्च: महाशिवरात्रि (रात) – भगवान शिव की रात, उपवास, पूजा और जप के साथ मनाई जाती है।
- 8 मार्च: होली – रंगों का जीवंत त्योहार, बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
- 9 मार्च: उगादी/गुड़ी पड़वा – तेलुगु और मराठी लोगों का नव वर्ष दिवस।
- 11 मार्च: गंगौर – राजस्थानी त्योहार जो विवाह और प्रजनन का जश्न मनाता है।
- 19 मार्च: फागवा – होली का एक अन्य नाम, कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है।
- 20 मार्च: छोटी होली – होली से पहले का छोटा उत्सव, कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है।
- 3 अप्रैल: राम नवमी – भगवान राम का जन्मदिन।
- 8 अप्रैल: गुड़ी पड़वा/युगादि (कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है) – नए साल का उत्सव।
- 9 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि – देवी दुर्गा के नौ रूपों का नौ-दिवसीय उत्सव, घटस्थापना के साथ शुरू होता है।
- 14 अप्रैल: वैसाखी – पंजाब में सिख नव वर्ष और फसल उत्सव।
- 14 अप्रैल: तमिल नव वर्ष (पुथंडु)।
- 14 अप्रैल: विशु – केरल नव वर्ष।
- 14 अप्रैल: बंगाली नव वर्ष (पोइला बोइशाख)।
- 17 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि पारणा, रामनवमी (कुछ क्षेत्रों में)।
- 19 अप्रैल: कामदा एकादशी – व्रत और भगवान विष्णु की पूजा का दिन।
- 23 अप्रैल: हनुमान जयंती – भगवान हनुमान का जन्मदिन।
- 6 मई: अक्षय तृतीया – यह एक बेहद शुभ दिन माना जाता है, जिसमें नए सामान और निवेश खरीदने का महत्व दिया जाता है। इसे त्रेता युग में भगवान कृष्ण का द्वारका नगरी निर्माण आरंभ का भी प्रतीक माना जाता है।
- 16 मई: बुद्ध पूर्णिमा – यह भगवान बुद्ध का जन्मदिन है, जिसे महात्मा बुद्ध के अनुयायी बड़े ही हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। इस दिन धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस और बौद्ध नववर्ष भी मनाया जाता है।
- 2 जून: भद्रकाली जयंती – देवी भद्रकाली का जन्मदिन।
- 2 जून: अपरा एकादशी – व्रत और भगवान विष्णु की पूजा का दिन।
- 7 जुलाई: गुप्त नवरात्रि – नौ दिनों का तंत्रिक त्योहार, देवी दुर्गा के नौ रूपों की गुप्त साधना के लिए मनाया जाता है।
- 21 जुलाई: गुरु पूर्णिमा – आध्यात्मिक गुरुओं और शिक्षकों का सम्मान करने का दिन।
- 21 जुलाई: वट सावित्री व्रत – विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पतियों के कल्याण के लिए किया जाने वाला व्रत और पूजा।
- मिड-जुलाई से अगस्त: कांवर यात्रा – शिव भक्तों का महीने भर का तीर्थयात्रा, जिसमें वह पवित्र नदियों से जल लेकर शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं।
- 4 अगस्त से 6 अगस्त: नाग पंचमी – सांप देवता नागों की पूजा का त्योहार।
- 14 अगस्त: जन्माष्टमी – भगवान कृष्ण का जन्मदिन।
- 15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस – भारत के स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय अवकाश।
- 19 अगस्त: रक्षा बंधन – भाई-बहनों के बीच रक्षा बंधन और उपहारों के साथ प्रेम बंधन को मजबूत करने का त्योहार।
- 22 अगस्त से 24 अगस्त: भाद्रपद कृष्ण नवरात्रि – देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का दूसरा नवरात्रि, मंदिरों में श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
- 26 अगस्त: गणेश चतुर्थी – भगवान गणेश का स्वागत करते हुए जुलूस और समारोहों के साथ भव्य त्योहार।
- 28 अगस्त: भाद्रपद शुक्ल द्वितीया – भगवान कृष्ण का विवाह उत्सव, विशेषकर दक्षिण भारतीय राज्यों में मनाया जाता है।
- 7 सितंबर: गणेश चतुर्थी – बुद्धि और शुभता के प्रतीक भगवान गणेश का धूमधाम से स्वागत, जुलूस, पूजा-अर्चना और पंचमी को विसर्जन के साथ मनाया जाता है।
- 22 सितंबर से 30 सितंबर: शारद नवरात्रि – देवी दुर्गा के नौ रूपों की नौ दिनों तक श्रद्धा से पूजा, उपवास और साधना का पवित्र उत्सव, गरबा और डांडिया जैसे नृत्यों से भी सजा होता है।
- 30 सितंबर: दशहरा – बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक, रावण के पुतले का दहन किया जाता है। यह विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है।
- अन्य सितंबर के महत्वपूर्ण त्योहार: ओणम (केरल), पितृ पक्ष (हिंदू धर्म), विश्व पर्यटन दिवस (27 सितंबर)।
- 1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (पूर्वी भारत, विशेष रूप से बंगाल) – देवी दुर्गा की भव्य पूजा और जुलूस, विशेषकर बंगाल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है।
- 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (कुछ क्षेत्रों में) – अन्य क्षेत्रों में भी अक्टूबर महीने में कुछ दिनों तक दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है।
- 18 अक्टूबर: करवा चौथ – विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पतियों के लंबे जीवन के लिए व्रत और पूजा का त्योहार।
- 25 अक्टूबर: दिवाली (प्रकाश का पर्व) – बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व, घरों को दीपों से सजाया जाता है, पटाखे चलाए जाते हैं और मिठाई का आदान-प्रदान होता है।
- 29 अक्टूबर और 2 नवंबर: छठ पूजा – सूर्य देवता को समर्पित चार दिवसीय त्योहार, जिसमें व्रत, नदी में स्नान और सूर्य की अर्चना की जाती है।
- अन्य अक्टूबर के महत्वपूर्ण त्योहार: दशहरा (कुछ क्षेत्रों में), धनतेरस (दिवाली से पहले का दिन), गोवर्धन पूजा (दिवाली से अगला दिन), भाई दूज (दिवाली के बाद का दिन)।
- 1 नवंबर: दिवाली: बुराई पर अच्छाई की विजय का यह प्रसिद्ध त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। घर दीयों से सजाए जाते हैं, पटाखे चलाए जाते हैं, और मिठाइयों का आदान-प्रदान होता है। यह खुशियों और हर्षोल्लास का समय होता है।
- 3 नवंबर: भाई दूज: दिवाली के बाद का यह भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का खास दिन होता है। बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी सुरक्षा और लंबे जीवन की प्रार्थना करती हैं। पकवान का भोग लगाया जाता है और हंसी-खुशी के साथ भोजन किया जाता है।
25 दिसंबर: क्रिसमस – ईसाई समुदाय द्वारा यीशु मसीह के जन्मदिन का हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व। चर्च की सजावट, प्रार्थना सभाएं, उपहारों का आदान-प्रदान और क्रिसमस केक का आनंद लिया जाता है।
कृपया ध्यान दें कि त्योहारों की तारीखें चंद्र कैलेंडर और क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के आधार पर भिन्न हो सकती हैं
1. Lohri
लोहड़ी 2024
2024 festival calendar में लोहड़ी पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में मनाया जाने वाला एक लोकप्रिय त्योहार है। यह त्योहार सर्दियों के मौसम के अंत और वसंत के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि तिलोड़ी, शीतला सप्तमी, और सर्दियों का अंत।
लोहड़ी के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं, और दान करते हैं। इस दिन, लोग अलाव के चारों ओर नाचते-गाते हैं और आग में तिल, मूंगफली, और रेवड़ी भूनते हैं। लोहड़ी का त्योहार खुशी, समृद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक है।
यहां लोहड़ी के कुछ लोकप्रिय रीति-रिवाज दिए गए हैं:
अलाव जलाना: लोहड़ी का मुख्य रीति-रिवाज अलाव जलाना है। लोग अलाव के चारों ओर नाचते-गाते हैं और आग में तिल, मूंगफली, और रेवड़ी भूनते हैं।
तिल-गुड़ खाना: तिल और गुड़ को लोहड़ी का पारंपरिक व्यंजन माना जाता है। लोग तिल और गुड़ खाकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं।
दान करना: लोहड़ी पर दान करने का विशेष महत्व है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं।
लोहड़ी एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब लोग सर्दियों के मौसम के अंत की खुशी मनाते हैं और नई शुरुआत करते हैं।
2. Makar Sankranti
मकर संक्रांति 2024
2024 festival calendar में मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो उत्तरी गोलार्ध में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के अवसर पर मनाया जाता है। यह एक कृषि त्योहार है जो साल की पहली फसल के आगमन का प्रतीक है। मकर संक्रांति को कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि पोंगल, उत्तरायण, और खिचड़ी।
मकर संक्रांति के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं, और दान करते हैं। इस दिन, लोग पतंग उड़ाने का भी आनंद लेते हैं। मकर संक्रांति का त्योहार शांति, समृद्धि और खुशी का प्रतीक है।
यहां मकर संक्रांति के कुछ लोकप्रिय रीति-रिवाज दिए गए हैं:
खिचड़ी बनाना: खिचड़ी एक पारंपरिक मकर संक्रांति का व्यंजन है जो चावल, दाल, और तिल से बनाई जाती है।
पतंग उड़ाना: पतंग उड़ाना मकर संक्रांति का एक लोकप्रिय मनोरंजन है। लोग विभिन्न आकार और रंगों की पतंग उड़ाते हैं।
दान करना: मकर संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं।
मकर संक्रांति एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब लोग साल की पहली फसल की खुशी मनाते हैं और नई शुरुआत करते हैं।
3. Republic Day
गणतंत्र दिवस 2024
2024 festival calendar में 26 जनवरी, 2024 को भारत एक बार फिर अपनी एकता के जीवंत ताने-बाने को प्रकट करेगा क्योंकि हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे। यह राष्ट्रीय अवकाश हमारे संविधान को अपनाने का प्रतीक है, जो हमारे लोकतंत्र की नींव है, जो सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का वादा करता है।
दिन देशभक्ति के जोश के एक सिम्फनी में फूट पड़ता है। राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंग परिदृश्य को रंगते हैं, गान हर कोने में गूंजते हैं, और परेड हमारी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती हैं। हम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हैं और उन आदर्शों को बनाए रखने के लिए फिर से प्रतिबद्ध होते हैं जिन्हें उन्होंने सराहा।
उत्सव से परे, गणतंत्र दिवस एक कार्यवाही का आह्वान है। यह हमें जिम्मेदार नागरिक होने के लिए याद दिलाता है, अपने दैनिक जीवन में संविधान की भावना को बनाए रखते हुए। यह एक दिन है जब विभाजन को पाटना है, समावेश को गले लगाना है, और राष्ट्र के लिए एक उज्जवल भविष्य के लिए काम करना है।
तो, तिरंगा गर्व से लहराए, एकता की भावना हर दिल में गूँजे, और 77वाँ गणतंत्र दिवस आशा, प्रगति और हमारे लोकतांत्रिक सपने के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता का एक प्रकाश स्तंभ हो।
गणतंत्र दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह एक दिन है जब हम अपनी स्वतंत्रता और लोकतंत्र का जश्न मनाते हैं। यह एक दिन है जब हम अपने देश के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करते हैं।
4. Basant panchami
बसंत पंचमी 2024
2024 festival calendar में बसंत पंचमी माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। यह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो भारत में एक महत्वपूर्ण मौसम है। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
बसंत पंचमी के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं, और देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। इस दिन, बच्चे पहली बार लिखना सीखना शुरू करते हैं।
बसंत पंचमी के कुछ लोकप्रिय रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
सरस्वती पूजा: इस दिन, लोग देवी सरस्वती की पूजा करते हैं और उनसे ज्ञान, बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद मांगते हैं।
पीला रंग: पीला रंग बसंत पंचमी का प्रतीक है। इस दिन, लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और पीले रंग के फूलों और प्रसाद का उपयोग करते हैं।
मिठाइयां: बसंत पंचमी के दिन, लोग विभिन्न प्रकार की मिठाइयां खाते हैं। कुछ पारंपरिक मिठाइयों में लड्डू, गुलाब जामुन और मालपुआ शामिल हैं।
बसंत पंचमी एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब लोग वसंत ऋतु के आगमन की खुशी मनाते हैं और ज्ञान और सफलता की कामना करते हैं।
5. Mahashivratri
महाशिवरात्रि 2024
2024 festival calendar में महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह भगवान शिव की पूजा का त्योहार है, जो हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं।
महाशिवरात्रि के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, उपवास करते हैं, और भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस दिन, मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और सभाएं आयोजित की जाती हैं।
महाशिवरात्रि के कुछ लोकप्रिय रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
उपवास: महाशिवरात्रि के दिन, कई लोग उपवास करते हैं। वे केवल दूध, जल और फलों का सेवन करते हैं।
शिवलिंग की पूजा: महाशिवरात्रि के दिन, लोग भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग की
पूजा करते हैं। वे शिवलिंग को दूध, दही, शहद, और घी से स्नान कराते हैं।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप: महाशिवरात्रि के दिन, कई लोग महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं। यह एक शक्तिशाली मंत्र है जो मृत्यु पर विजय प्राप्त करने का वादा करता है।
महाशिवरात्रि एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो लोगों को भगवान शिव के साथ जुड़ने का अवसर देता है। यह एक दिन है जब लोग भगवान शिव से आशीर्वाद मांगते हैं और उनके प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं।
6. Holi
रंगों की फुहार, हवा में उड़ती खुशियां, और हर चेहरे पर खिली मुस्कान – यही है होली का असली जादू। 2024 festival calendar में भी रंगों का यह त्योहार 8 मार्च को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन, बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है, जहां लोग रंगों की बौछार कर अपनी खुशियां बांटते हैं।
होली के दिन, लोग सफेद कपड़े पहनकर रंगों की दुनिया में डूब जाते हैं। बच्चे गुब्बारों से खेलते हैं, और बड़े-बुजुर्ग एक-दूसरे को रंग लगाकर हंसी-खुशी मनाते हैं। मिठाइयों की खुशबू से वातावरण महकता है, और हर तरफ ढोलक और ताल की धुन गूंजती है। होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जहां सारे भेद मिट जाते हैं और सब एक साथ खुशियां मनाते हैं।
इस साल होली मनाते समय सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें, पानी की बर्बादी न करें, और लोगों की इजाजत के बिना उन पर रंग न लगाएं। होली के दिन, ज़िम्मेदारी के साथ खुशियां बांटें और इस त्योहार को यादगार बनाएं
7. Chaitra Navratri
चैत्र नवरात्रि 2024
2024 festival calendar में चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक नौ दिनों तक मनाया जाता है। यह देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
हर दिन एक अलग देवी की पूजा की जाती है, और हर दिन का अपना विशिष्ट रंग और महत्व होता है।
पहला दिन: शैलपुत्री – माँ पार्वती का ही एक रूप हैं। इस दिन भूरे रंग का महत्व होता है।
दूसरा दिन: ब्रह्मचारिणी – ज्ञान और तपस्या की देवी हैं। इस दिन हरे रंग का महत्व होता है।
तीसरा दिन: चंद्रघंटा – शत्रुओं का नाश करने वाली देवी हैं। इस दिन सफेद रंग का महत्व होता है।
चौथा दिन: कुष्मांडा – ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी हैं। इस दिन पीले रंग का महत्व होता है।
पांचवा दिन: स्कंदमाता – भगवान कार्तिकेय की माता हैं। इस दिन लाल रंग का महत्व होता है।
छठा दिन: कात्यायनी – शत्रुओं को मारने वाली देवी हैं। इस दिन नारंगी रंग का महत्व होता है।
सातवां दिन: कालरात्रि – भयानक रूप धारण कर बुराई का नाश करने वाली देवी हैं। इस दिन नीले रंग का महत्व होता है।
आठवां दिन: महागौरी – शांति और कल्याण प्रदान करने वाली देवी हैं। इस दिन गुलाबी रंग का महत्व होता है।
नवां दिन: सिद्धिदात्री – सभी सिद्धियों को देने वाली देवी हैं। इस दिन पीले रंग का महत्व होता है।
2024 festival calendar में नवरात्रि के दौरान, लोग उपवास करते हैं, पूजा करते हैं, और मंत्रों का जाप करते हैं। वे गरबा और रास जैसे पारंपरिक नृत्यों में भी भाग लेते हैं। नवरात्रि का समापन दशहरा के साथ होता है, जो बुराई पर अच्छाई की अंतिम विजय का प्रतीक है।
2024 festival calendar में चैत्र नवरात्रि एक ऐसा समय है जब लोग आध्यात्मिकता में लीन होते हैं और देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह एक हर्षोल्लास और उत्सव का समय है, जब लोग एक साथ आते हैं और अपने जीवन में खुशियां और समृद्धि का स्वागत करते हैं।
इस साल चैत्र नवरात्रि 26 मार्च से 3 अप्रैल तक मनाई जाएगी।
8. Baisakhi
बैसाखी 2024
बैसाखी 2024 को 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। 2024 festival calendar में यह हिंदू और सिख धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह वसंत ऋतु के आगमन और फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। बैसाखी को हिंदू नववर्ष के रूप में भी मनाया जाता है।
2024 festival calendar में बैसाखी के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं, और गुरुद्वारों में जाते हैं। इस दिन, लोग भांगड़ा और गिद्दा जैसे पारंपरिक नृत्य करते हैं। बैसाखी का उत्सव पंजाब में विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है।
बैसाखी के कुछ लोकप्रिय रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
नए कपड़े पहनना: बैसाखी के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, जो नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।
मिठाइयां खाना: बैसाखी के दिन, लोग मिठाइयां खाते हैं, जो खुशी और समृद्धि का प्रतीक है।
गुरुद्वारों में जाना: बैसाखी के दिन, लोग गुरुद्वारों में जाते हैं और गुरुओं की पूजा करते हैं।
भांगड़ा और गिद्दा: बैसाखी के दिन, लोग भांगड़ा और गिद्दा जैसे पारंपरिक नृत्य करते हैं।
2024 festival calendar में बैसाखी एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब लोग फसल के मौसम की शुरुआत की खुशी मनाते हैं और नए साल की शुरुआत करते हैं।
Buddha Purnima
2024 festival calendar में वैशाख की सुहावनी पलटन में, 16 मई 2024 को बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व का आगमन होगा। यह गौतम बुद्ध के जन्मदिन का ही नहीं, बल्कि उनके ज्ञानोदय और करुणा के संदेश का भी उत्सव है।
2024 festival calendar में बुद्ध पूर्णिमा के दिन, विहार और देश के अन्य हिस्सों में, मंदिरों, विहारों और घरों में विशेष प्रार्थनाएं और ध्यान सभाएं होती हैं। भिक्षुओं का जुलूस निकलता है, जहां लोग फूल बरसाते हुए करुणा और अहिंसा का गीत गाते हैं।
2024 festival calendar में बुद्ध पूर्णिमा हमें उनकी शिक्षाओं को याद करने का अवसर देती है। हम उनके अष्टांगिक मार्ग का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं, जिसमें सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्म, सम्यक जीविका, सम्यक प्रयत्न, सम्यक स्मृति और सम्यक समाधि शामिल हैं।
2024 festival calendar में इस बुद्ध पूर्णिमा, आइए हम खुद को और दुनिया को बदलने का संकल्प लें। आइए हम दूसरों के प्रति दयालु और करुणामय हों, क्रोध और हिंसा का त्याग करें, और ज्ञान और शांति का मार्ग प्रशस्त करें।
बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
9. Jagannath Rath Yatra
रथ की गतार, भक्तों की पुकार: 2024 का रथ यात्रा का पावन उत्सव
2024 festival calendar में रथ यात्रा, जगन्नाथ मंदिर का एक वार्षिक त्योहार है, जो रथ के जुलूस के साथ मनाया जाता है। यह भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियों को रथ पर ले जाकर मनाया जाता है। साल 2024 में, यह पवित्र उत्सव 7 जुलाई को मनाया जाएगा।
यह यात्रा जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक लगभग 3 किलोमीटर की दूरी तय करती है।2024 festival calendar में जुलूस के दौरान, सड़कों पर रंगारंग भीड़ एक सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है। भक्त हरे राम, जय जगन्नाथ के जयकारे लगाते हुए नृत्य करते हैं और भगवान के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।
रथ यात्रा का धार्मिक महत्व के अलावा सांस्कृतिक महत्व भी है। यह ओडिशा की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का प्रतिबिंब है।2024 festival calendar में यात्रा के दौरान, रथों को पारंपरिक रूप से सजाया जाता है और मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजा की जाती है।
रथ यात्रा न केवल ओडिशा के लोगों के लिए बल्कि दुनिया भर के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान के प्रति भक्ति और आस्था का उत्सव है।2024 festival calendar में यदि आप इस पवित्र अवसर पर भाग लेने का अवसर प्राप्त करते हैं, तो यह निश्चित रूप से एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।
Eid al-Adha (Eid-ul-Adha)
2024 festival calendar में जून 17, 2024 को मनाया जाने वाला बकरीद एक बलि का त्योहार है, जो हज़रत इब्राहिम द्वारा उनके बेटे इस्माइल को कुर्बान करने की इच्छा की याद दिलाता है। इस दिन मुसलमान नमाज़ अदा करते हैं, पशुओं की कुर्बानी देते हैं और रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर ईद का जश्न मनाते हैं।
Eid al-Fitr (Eid-ul-Fitr)
2024 festival calendar में जुलाई 19, 2024 को मनाया जाने वाला बकर ईद रमज़ान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। इस दिन मुसलमान नमाज़ अदा करते हैं, खैरात देते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और खुशियों के साथ ईद का जश्न मनाते हैं।
Guru Purnima
2024 festival calendar में आषाढ़ के शुभ मास की पूर्णिमा के पावन दिन, 21 जुलाई 2024 को गुरु पूर्णिमा का आगमन होगा। यह पर्व भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में ज्ञान के मार्गदर्शकों, गुरुओं के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व है।
2024 festival calendar में प्राचीन काल से ही गुरुओं को समाज में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। उन्हें ज्ञान के स्रोत, मार्गदर्शक और जीवन के हर मोड़ पर साथी माना जाता है। उनके उपदेश और शिक्षाएं हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाती हैं और जीवन को सार्थक बनाती हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरुओं के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिरों, आश्रमों और शैक्षणिक संस्थानों में विशेष प्रार्थना सभाएं और पूजन का आयोजन किया जाता है। गीत-संगीत और भजन के माध्यम से गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
2024 festival calendar में यह दिन हमें आत्मनिरीक्षण का भी अवसर प्रदान करता है। हमें यह सोचने का मौका मिलता है कि अपने जीवन में गुरुओं ने कौन सी भूमिका निभाई है और उनके मार्गदर्शन के बिना हम कहां होते। यह संकल्प लेने का भी दिन है कि हम गुरुओं की शिक्षाओं का अनुसरण करें और उनके बताए हुए मार्ग पर चलें।
2024 festival calendar में गुरु पूर्णिमा का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक रूप से भी काफी प्रासंगिक है। यह पर्व हमें शिक्षकों, माता-पिता और जीवन में उन सभी के प्रति आदर और सम्मान व्यक्त करने की शिक्षा देता है जिन्होंने हमें ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान किया है।
10. Vat Purnima
वट पूर्णिमा 2024
2024 festival calendar में वट पूर्णिमा, जिसे वट सावित्री व्रत के रूप में भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो हर साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए मनाया जाता है।
2024 festival calendar में इस दिन, महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं। वट वृक्ष को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। महिलाएं वट वृक्ष के चारों ओर सात बार परिक्रमा करती हैं और उसके नीचे दीप जलाकर प्रार्थना करती हैं।
इस दिन, महिलाएं एक विशेष प्रकार का भोजन भी बनाती हैं, जिसे सावित्री भोग कहा जाता है। इस भोजन में दूध, दही, फल, और अन्य मिठाइयां शामिल होती हैं।
वट पूर्णिमा का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।2024 festival calendar में कुछ जगहों पर, महिलाएं वट वृक्ष के नीचे रात भर जागती हैं और प्रार्थना करती हैं। अन्य जगहों पर, महिलाएं वट वृक्ष के नीचे सात पल्लव बांधती हैं और हर पल्लव के साथ एक मन्नत मांगती हैं।
11. Kanwar Yatra
2024 festival calendar में श्रावण की पावन धाराओं के साथ बहते, 2024 में कांवर यात्रा का भक्तिमय सफर जुलाई के अंत से प्रारंभ होगा। यह कठिन तीर्थयात्रा भगवान शिव के प्रति समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक है।
कांवर यात्रा में शिवभक्त गंगा नदी और अन्य पवित्र नदियों से जल लाकर शिवालयों में अर्पित करते हैं। उनके कंधे पर सजे कांवर, जिन्हें पवित्र जल से भरे लोटों को ले जाने के लिए सजाया जाता है, उनकी भक्ति का प्रतीक होते हैं।2024 festival calendar में यात्रा के दौरान, शिवभक्त नंगे पैर सैकड़ों किलोमीटर चलते हैं, भजन गाते हैं, और उपवास करते हैं।
ये भक्त कठिन रास्ता पार करते हैं, मौसम की चुनौतियों का सामना करते हैं, और अनुशासन के साथ यात्रा पूरी करते हैं।2024 festival calendar में यह न केवल शिव के प्रति उनकी भक्ति की परीक्षा है, बल्कि मानसिक और शारीरिक दृढ़ता का भी प्रदर्शन है।
2024 festival calendar में श्रद्धालुओं की इस पवित्र यात्रा के दौरान सुरक्षा और संयम का पालन करना सर्वोपरि है। यातायात नियमों का पालन, पर्यावरण की देखभाल और शांति बनाए रखना यात्रा के पवित्रता को बनाए रखेगा।
12. Raksha Bandhan
रक्षाबंधन 2024 पावन श्रावण माह की पूर्णिमा पर, 28 अगस्त को देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।2024 festival calendar में यह पर्व भाई-बहनों के अटूट स्नेह का उत्सव है, जहां बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन लेती हैं और भाई भी उनकी हर ज़रूरत में साथ निभाने का संकल्प लेते हैं।
रक्षाबंधन के दिन माहौल खुशनुमा होता है। बहनें रंग-बिरंगे नए कपड़े पहनकर, सोलहें लगाकर सजती-संवरती हैं। वहीं भाई भी राखी खरीदने और बहनों को उपहार देने की तैयारी में जुटे रहते हैं।2024 festival calendar में राखी के धागे में स्नेह का रंग समाया होता है। इसे कच्चे सूत से बनाया जाता है, जो बहन के अटूट प्रेम और भाई के मजबूत रक्षा-बंधन का प्रतीक है।
राखी बांधते समय बहनें सुमंगल कामना करती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।2024 festival calendar में इस दिन मिठाई का भोग लगाया जाता है और भाई-बहन एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं, जो उनके मीठे रिश्ते का प्रतीक है।
रक्षाबंधन न केवल भाई-बहनों के बंधन को मजबूत करता है, बल्कि समाज में भाईचारे और सद्भावना का संदेश भी देता है। यह दिन याद दिलाता है कि रिश्तों की रक्षा करना कितना ज़रूरी है। 2024 festival calendar में आइए इस रक्षाबंधन को अपने भाई-बहनों के साथ हर्षोल्लास से मनाएं और अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाएं।
13. Independence Day
2024 festival calendar में आजादी का पर्व, 15 अगस्त 2024 को फिर से लौट रहा है, जिसको लेकर देश-भर में खुशी की लहर दौड़ने लगती है। ये वो दिन है जब 1947 में अंग्रेजी हुकूमत की बेड़ियों से मुक्ति मिली थी और एक नए सूरज का उदय हुआ था। हर साल इस पावन दिन, लाल किले से राष्ट्रध्वज फहराता है और पूरा देश “भारत माता की जय” के नारे में गुंजायमान होता है।
बच्चों से लेकर बूढ़े तक, सब इस दिन तिरंगे रंग में रंग जाते हैं। घर-आंगन, बाजार और स्कूल-कॉलेजों में राष्ट्रध्वज फहराता दिखाई देता है। स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को याद किया जाता है,2024 festival calendar में जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देकर हमें ये अनमोल आजादी दिलाई। परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति के गीत सब मिलकर आजादी के रंग में रंग देते हैं।
लेकिन स्वतंत्रता सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है।2024 festival calendar में ये दिन हमें ये सोचने का मौका देता है कि हम सब मिलकर इस देश को और बेहतर कैसे बना सकते हैं। सद्भावना, भाईचारा, शिक्षा और विकास हमारे प्रयासों का लक्ष्य होना चाहिए। आइए, इस स्वतंत्रता दिवस, एक दूसरे का साथ देते हुए, अपने देश को गौरवान्वित करें और एक ऐसे भारत का निर्माण करें, जिसके बारे में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने सपना देखा था।
14. Sawan Shivratri
सावन शिवरात्रि 2024
2024 festival calendar में सावन शिवरात्रि, जो श्रावण मास की चतुर्दशी को मनाई जाती है, भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग की पूजा करते हैं और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
सावन मास को शिव का महीना माना जाता है और इस महीने में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है।2024 festival calendar में सावन शिवरात्रि के दिन, भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और बेलपत्र अर्पित करते हैं। वे शिव के मंत्रों का जाप करते हैं और भगवान शिव से अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।
सावन शिवरात्रि का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर, भक्त शिव की आरती करते हैं और भजन गाते हैं। अन्य जगहों पर, भक्त जलाभिषेक करते हैं और शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं।
15. Janmashtami
जन्माष्टमी 2024
2024 festival calendar में जन्माष्टमी, जो भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है, भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है। यह हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है और इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
जन्माष्टमी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। वे कृष्ण के मंदिरों में जाते हैं और कृष्ण की प्रतिमाओं की पूजा करते हैं। वे कृष्ण के मंत्रों का जाप करते हैं और कृष्ण से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
जन्माष्टमी के दिन, लोग घरों में विशेष भोजन पकाते हैं और मिठाइयाँ बनाते हैं। वे कृष्ण के जन्मोत्सव का जश्न मनाते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार हमें भगवान कृष्ण के जीवन और उपदेशों से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है।
जन्माष्टमी के महत्व
2024 festival calendar में जन्माष्टमी के त्योहार का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है, जिन्हें हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है।
16. Masik Shivratri
मासिक शिवरात्रि 2024
2024 festival calendar में मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग की पूजा करते हैं और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
मासिक शिवरात्रि का दिन भगवान शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक है।2024 festival calendar में इस दिन, भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, और बेलपत्र अर्पित करते हैं। वे शिव के मंत्रों का जाप करते हैं और भगवान शिव से अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।
मासिक शिवरात्रि का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर, भक्त शिव की आरती करते हैं और भजन गाते हैं। अन्य जगहों पर, भक्त जलाभिषेक करते हैं और शिवलिंग की परिक्रमा करते हैं।
17. Hartalika Teej
हरतालिका तीज 2024
2024 festival calendar में हरतालिका तीज, जो भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, एक हिंदू त्योहार है जो सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। इस दिन, महिलाएं उपवास रखती हैं, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और पवित्र नदियों में स्नान करती हैं।
हरतालिका तीज के दिन, महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। वे अपने घरों को सजाती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों की स्थापना करती हैं।2024 festival calendar में वे भगवान शिव और माता पार्वती को अन्न, फूल, मिठाई और अन्य प्रसाद अर्पित करती हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करती हैं और भजन गाती हैं।
हरतालिका तीज के दिन, महिलाएं दिन भर उपवास रखती हैं। वे सिर्फ पानी और फलों का रस पीती हैं। शाम को, वे अपने पति के साथ पवित्र नदियों में स्नान करती हैं। फिर, वे एक साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।
हरतालिका तीज का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ जगहों पर, महिलाएं मेले और त्यौहारों में भाग लेती हैं। अन्य जगहों पर, महिलाएं घर पर ही पूजा करती हैं और एक-दूसरे के साथ उपवास तोड़ती हैं।
18. Ganesh Chaturthi
2024 festival calendar में गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश के जन्मोत्सव का पावन पर्व, 2024 में 20 सितंबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। यह गणेश जी के आगमन का ही नहीं, बल्कि खुशियों और उत्साह का भी प्रतीक है।
हर साल, घरों और मंदिरों में भगवान गणेश की सुंदर प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। लोग पूरे नौ दिनों तक उनका विधि-विधान से पूजन करते हैं, उन्हें मोदक और लड्डू का प्रसाद चढ़ाते हैं और आरती गाते हैं।2024 festival calendar में पंडालों में गणेश जी की भव्य मूर्तियों को सजाया जाता है और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।
गणेश जी को ज्ञान, विद्या, सौभाग्य और बुद्धि का देवता माना जाता है। उनके हाथ में कमल का फूल पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है, वहीं उनका वाहन मूषक, बुद्धि और चतुराई का प्रतीक है।2024 festival calendar में गणेश चतुर्थी के दौरान लोग भगवान गणेश से जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
नौ दिनों के उत्साह के बाद, भक्त समंदर किनारे या पवित्र नदियों में भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन करते हैं। यह विसर्जन इस बात का प्रतीक है कि जीवन में हर चीज नश्वर है और हमें अटूट आस्था के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
2024 festival calendar में गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक सद्भावना का भी प्रतीक है। यह त्योहार हमें एक साथ आने, मिलजुलकर खुशियां मनाने और भगवान गणेश के आशीर्वाद का पात्र बनने का अवसर प्रदान करता है।
19. Shradh Period
श्राद्ध काल 2024
2024 festival calendar में श्राद्ध, हिन्दू धर्म में पितरों के लिए श्रद्धा-पूर्वक किए जाने वाले अनुष्ठान हैं। श्राद्ध की अवधि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या से शुरू होकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक चलती है। श्राद्ध को पितृपक्ष के नाम से भी जाना जाता है।
श्राद्ध के दौरान, लोग अपने मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-अर्चना करते हैं। वे उन्हें भोजन, जल, फूल, अक्षत, और अन्य चीजें अर्पित करते हैं। श्राद्ध के दौरान, लोग दान-पुण्य भी करते हैं।
2024 festival calendar में श्राद्ध के महत्व के बारे में कहा जाता है कि इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे अपने वंशजों पर आशीर्वाद बरसाते हैं। श्राद्ध के दौरान, लोग अपने पूर्वजों के साथ जुड़ने और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर प्राप्त करते हैं।
श्राद्ध की अवधि में लोग अपने पितरों के लिए विशेष भोजन बनाते हैं। इस भोजन में खीर, हलवा, पूरी, सब्जी, और अन्य चीजें शामिल होती हैं। श्राद्ध के दौरान, लोग अपने पितरों के लिए तर्पण भी करते हैं। तर्पण में, लोग पवित्र नदी या समुद्र में जल अर्पित करते हैं।
2024 festival calendar में श्राद्ध एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है जो हिन्दू धर्म में निभाई जाती है। यह अनुष्ठान पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करता है।
20. Anant Chaturdashi
अनंत चतुर्दशी 2024
2024 festival calendar में अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह भगवान विष्णु की पूजा का त्योहार है, जो हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं।
अनंत चतुर्दशी के दिन, लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। वे अनंत धागा भी बांधते हैं, जो भगवान विष्णु का प्रतीक है। अनंत धागे में 14 गांठें होती हैं, जो 14 लोकों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
अनंत चतुर्दशी के कुछ लोकप्रिय रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
भगवान विष्णु की पूजा: अनंत चतुर्दशी के दिन, लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं।
अनंत धागा बांधना: अनंत चतुर्दशी के दिन, लोग अनंत धागा बांधते हैं, जो भगवान विष्णु का प्रतीक है।
मिठाइयां खाना: अनंत चतुर्दशी के दिन, लोग मिठाइयां खाते हैं, जो खुशी और समृद्धि का प्रतीक है।
2024 festival calendar में अनंत चतुर्दशी एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब लोग भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशियां और समृद्धि की कामना करते हैं।
2024 festival calendar में भारत में, अनंत चतुर्दशी को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन उपवास करते हैं, जबकि अन्य नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां खाते हैं। अनंत चतुर्दशी के अवसर पर, मंदिरों में विशेष अनुष्ठान और सभाएं आयोजित की जाती हैं।
अनंत चतुर्दशी 2024 को 17 सितंबर को मनाया जाएगा।
21. Sharad Navratri
शारद नवरात्रि 2024 : रंग, भक्ति और उत्सव का नौ-दिवसीय महाकुंभ
2024 festival calendar में शारद नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक नौ दिनों तक मनाया जाता है। यह देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का पर्व है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
2024 festival calendar में हर दिन एक अलग देवी की पूजा की जाती है, और हर दिन का अपना विशिष्ट रंग और महत्व होता है।
पहला दिन: शैलपुत्री – माँ पार्वती का ही एक रूप हैं। इस दिन भूरे रंग का महत्व होता है।
दूसरा दिन: ब्रह्मचारिणी – ज्ञान और तपस्या की देवी हैं। इस दिन हरे रंग का महत्व होता है।
तीसरा दिन: चंद्रघंटा – शत्रुओं का नाश करने वाली देवी हैं। इस दिन सफेद रंग का महत्व होता है।
चौथा दिन: कुष्मांडा – ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी हैं। इस दिन पीले रंग का महत्व होता है।
पांचवा दिन: स्कंदमाता – भगवान कार्तिकेय की माता हैं। इस दिन लाल रंग का महत्व होता है।
छठा दिन: कात्यायनी – शत्रुओं को मारने वाली देवी हैं। इस दिन नारंगी रंग का महत्व होता है।
सातवां दिन: कालरात्रि – भयानक रूप धारण कर बुराई का नाश करने वाली देवी हैं। इस दिन नीले रंग का महत्व होता है।
आठवां दिन: महागौरी – शांति और कल्याण प्रदान करने वाली देवी हैं। इस दिन गुलाबी रंग का महत्व होता है।
नवां दिन: सिद्धिदात्री – सभी सिद्धियों को देने वाली देवी हैं। इस दिन पीले रंग का महत्व होता है।
2024 festival calendar में नवरात्रि के दौरान, लोग उपवास करते हैं, पूजा करते हैं, और मंत्रों का जाप करते हैं। वे गरबा और रास जैसे पारंपरिक नृत्यों में भी भाग लेते हैं। नवरात्रि का समापन दशहरा के साथ होता है, जो बुराई पर अच्छाई की अंतिम विजय का प्रतीक है।
22. Dussehra
विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, जो एक दस-सिर वाला राक्षस था।
दशहरा के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं, रावण के पुतले जलाते हैं, और खुशियां मनाते हैं। देश के कई हिस्सों में, रामलीला का आयोजन किया जाता है, जो भगवान राम के जीवन की कहानी का नाटकीय प्रदर्शन होता है।
दशहरा न केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव है, बल्कि यह नई शुरुआत का भी प्रतीक है। यह हमें यह सिखाता है कि सही काम हमेशा जीतता है और हार से निराश नहीं होना चाहिए।
2024 festival calendar में इस दशहरा के दिन, आइए हम बुराई के खिलाफ लड़ने और अच्छाई का साथ देने का संकल्प लें। आइए मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां सभी को खुशियां और समृद्धि मिले।
23. Karva Chauth
करवा चौथ 2024
2024 festival calendar में करवा चौथ हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह सुहागिनों का सबसे लोकप्रिय त्योहार है। इस दिन, विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए उपवास करती हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत खोलती हैं।
करवा चौथ के दिन, महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। वे अपने पति के लिए करवा, मिठाई और अन्य व्यंजन तैयार करती हैं। शाम को, वे चंद्रमा के दर्शन के लिए एकत्रित होती हैं और अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं।
2024 festival calendar में करवा चौथ एक खूबसूरत और भावनात्मक त्योहार है जो प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। यह एक ऐसा दिन है जब विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए अपने प्यार और देखभाल को व्यक्त करती हैं।
2024 में करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
2024 festival calendar में करवा चौथ पर कुछ महत्वपूर्ण रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
सवेरे जल्दी उठकर स्नान करना और नए कपड़े पहनना।
करवा, मिठाई और अन्य व्यंजन तैयार करना।
शाम को चंद्रमा के दर्शन के लिए एकत्रित होना और अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करना।
पति को करवा अर्पित करना और उनसे आशीर्वाद मांगना।
2024 festival calendar में करवा चौथ एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए अपनी आस्था और प्रेम को व्यक्त करती हैं।
24. Dhanteras
धनतेरस 2024
2024 festival calendar में धनतेरस हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। इस दिन, लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं, जो आयुर्वेद के देवता हैं। धनतेरस को धन और समृद्धि का दिन माना जाता है।
धनतेरस के दिन, लोग सोना, चांदी, और अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी करते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं, और अपने घरों को सजाते हैं।
धनतेरस पर कुछ महत्वपूर्ण रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
- भगवान धन्वंतरि की पूजा करना।
- सोना, चांदी, और अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी करना।
- नए कपड़े पहनना।
- मिठाइयां खाना।
- अपने घरों को सजाना।
2024 festival calendar में धनतेरस एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब लोग धन और समृद्धि की कामना करते हैं।2024 में धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
25. Narak Chaturdashi
नरक चतुर्दशी 2024
2024 festival calendar में नरक चतुर्दशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इसे छोटी दिवाली या काल चौदस भी कहा जाता है। इस दिन, लोग यमराज, मृत्यु के देवता, की पूजा करते हैं और उनकी कृपा से मुक्ति की कामना करते हैं।
नरक चतुर्दशी के दिन, लोग उपवास करते हैं, यमराज की पूजा करते हैं, और यम दीप जलाते हैं। वे नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं, और अपने घरों को सजाते हैं।
नरक चतुर्दशी पर कुछ महत्वपूर्ण रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
- यमराज की पूजा करना।
- यम दीप जलाना।
- नए कपड़े पहनना।
- मिठाइयां खाना।
- अपने घरों को सजाना।
नरक चतुर्दशी एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक दिन है जब लोग मुक्ति की कामना करते हैं और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं। 2024 में नरक चतुर्दशी 3 नवंबर को मनाई जाएगी।
26. Diwali
दीपावली का जादू 2024
दीपावली, रोशनी का त्योहार, 2024 में 4 नवंबर को भारत के आंगन में एक बार फिर से अपने जादुई रंग बिखेरेगा। यह खुशियों का, जीत का, और उम्मीदों का पर्व है। घर-आंगन, मंदिर-मस्जिद, सब जगमगाते हैं दीपों की रोशनी से।
इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, और रंगोली बनाते हैं। शाम को, आकाश जगमगा उठता है असंख्य दीपों से, मानो तारे धरती पर उतर आए हों। लोग पटाखे जलाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, और एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।
दीपावली न सिर्फ रोशनी का त्योहार है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है। यह भगवान राम के लंका विजय का उत्सव है, जहां प्रकाश ने अंधकार पर विजय प्राप्त की थी। यह ज्ञान का, समृद्धि का, और नववर्ष का भी स्वागत है।
इस साल दीपावली का जश्न सुरक्षित और सजगता से मनाएं। आतिशबाजी सावधानी से जलाएं, पर्यावरण का ख्याल रखें, और शोर न करें जिससे किसी को तकलीफ हो।2024 festival calendar में आइए मिलकर एक ऐसी दीपावली मनाएं जो न सिर्फ खूबसूरत हो, बल्कि संवैधानिक मूल्यों का सम्मान करती हुई भी हो।
दीपावली की शुभकामनाएं!
27. Govardhan Puja
गोवर्धन पूजा 2024
गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है,2024 festival calendar में हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। यह भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का पर्व है।
गोवर्धन पूजा की कथा के अनुसार, एक बार इंद्र ने मथुरा के निवासियों को वर्षा से डराकर उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर मथुरा के निवासियों को बचाया। तब से, गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा के दिन, लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं, भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, और अन्नकूट का भोग लगाते हैं। अन्नकूट एक विशेष भोग है जो चावल, कढ़ी, और कई तरह के पकवानों से बना होता है।
गोवर्धन पूजा एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक ऐसा दिन है जब लोग भगवान कृष्ण की कृपा और गोवर्धन पर्वत की महिमा का आभार व्यक्त करते हैं।
2024 में गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी।
28. Bhai Duj
भाई दूज 2024
भाई दूज, जिसे भ्रातृ द्वितीया, यम द्वितीया, या भैया दूज भी कहा जाता है,2024 festival calendar में हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। यह एक भाई-बहन का त्योहार है, और इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं।
भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों को घर बुलाती हैं और उनके माथे पर टीका लगाती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन, बहनें अपने भाइयों के लिए विशेष व्यंजन तैयार करती हैं, जैसे कि बसुन्दी और पूड़ी।
भाई दूज एक खुशी का त्योहार है जो भाई-बहन के बंधन को मजबूत करता है। यह एक ऐसा दिन है जब बहनें अपने भाइयों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करती हैं। 2024 में भाई दूज 3 नवंबर को मनाई जाएगी।
भाई दूज के कुछ महत्वपूर्ण रीति-रिवाज निम्नलिखित हैं:
- भाई को घर बुलाना और उनके माथे पर टीका लगाना।
- भाई को उपहार देना।
- भाई के लिए विशेष व्यंजन बनाना।
- भाई के लिए प्रार्थना करना।
2024 festival calendar में भाई दूज एक ऐसा दिन है जब भाई-बहन एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और अपने प्यार और स्नेह को व्यक्त करते हैं। यह एक दिन है जब हम भाई-बहन के बंधन को महत्व देते हैं और उसे मजबूत करने का संकल्प लेते हैं।
29. Chhath Puja
छठ पूजा 2024
छठ पूजा, जिसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है,2024 festival calendar में हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। यह बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, और अन्य पूर्वी भारतीय राज्यों में विशेष रूप से लोकप्रिय है।
छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का पर्व है। छठी मैया को सूर्य देव की पत्नी माना जाता है। छठ पूजा के दौरान, लोग सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं, और उन्हें अर्घ्य देते हैं।
छठ पूजा के चार दिन होते हैं:
नहाय-खाय: इस दिन, लोग स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। वे प्रसाद तैयार करते हैं और सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं।
खरना: इस दिन, लोग उपवास करते हैं और विशेष भोजन खाते हैं। वे शाम को खरना नदी में स्नान करते हैं और सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करते हैं।
संध्या अर्घ्य: इस दिन, लोग सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। वे शाम को घाट पर जाते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
उषा अर्घ्य: इस दिन, लोग सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। वे सुबह जल्दी उठते हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
छठ पूजा एक खुशी का त्योहार है जो लोगों को एक साथ लाता है। यह एक ऐसा दिन है जब लोग भगवान सूर्य की कृपा और छठी मैया की आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।
2024 में छठ पूजा 5 नवंबर से 8 नवंबर तक मनाई जाएगी।
30. Christmas
क्रिसमस का जादू 2024
2024 festival calendar में क्रिसमस, 25 दिसंबर 2024 को, एक बार फिर से प्रेम, उम्मीद और खुशियों का जादू लेकर आएगा। यह ईसा मसीह के जन्म का पर्व है, परंतु इसका उत्साह हर धर्म और समुदाय को छू लेता है।
2024 festival calendar क्रिसमस की पूर्व संध्या घरों को सजाने, क्रिसमस ट्री सजाने, कैरोल गाने और स्वादिष्ट व्यंजन बनाने से गुलजार हो उठती है। सजावट में चमकते तारे, रंगीन गेंदें, चमचमाती लाइटें और क्रिसमस ट्री के नीचे उपहारों के ढेर, एक उत्साहपूर्ण वातावरण बनाते हैं।
क्रिसमस का दिन खुशियों और उम्मीदों को बांटने का समय होता है। लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, क्रिसमस केक खाते हैं, और प्रार्थना करते हैं कि आने वाला साल शांति, प्रेम और समृद्धि से भरा हो। चर्चों में विशेष प्रार्थना सभाएं होती हैं, जहां लोग ईसा मसीह के संदेश को याद करते हैं और प्रेम, सेवा और क्षमा का संकल्प लेते हैं।
क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जो हमें दुनिया को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है। यह दयालुता, उदारता और मानवता का संदेश फैलाता है। आइए इस क्रिसमस को हम न सिर्फ खुशियां मनाएं, बल्कि दूसरों की खुशियों में भी सहभागी बनें, और एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहां हर कोई शांति और प्रेम से रह सके।
क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं
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eid 2024?
जून 17, 2024 को मनाया जाने वाला बकरीद एक बलि का त्योहार है
2024 durga pooja date?
1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (पूर्वी भारत, विशेष रूप से बंगाल) – देवी दुर्गा की भव्य पूजा और जुलूस, विशेषकर बंगाल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है।
9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (कुछ क्षेत्रों में) – अन्य क्षेत्रों में भी अक्टूबर महीने में कुछ दिनों तक दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है।
navratri 2024?
1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (पूर्वी भारत, विशेष रूप से बंगाल) – देवी दुर्गा की भव्य पूजा और जुलूस, विशेषकर बंगाल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है।
9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (कुछ क्षेत्रों में) – अन्य क्षेत्रों में भी अक्टूबर महीने में कुछ दिनों तक दुर्गा पूजा का आयोजन क
Navratri 2024?
1 अक्टूबर से 5 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (पूर्वी भारत, विशेष रूप से बंगाल) – देवी दुर्गा की भव्य पूजा और जुलूस, विशेषकर बंगाल क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है।
9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर: दुर्गा पूजा (कुछ क्षेत्रों में) – अन्य क्षेत्रों में भी अक्टूबर महीने में कुछ दिनों तक दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है।
Diwali in 2024?
दीपावली, रोशनी का त्योहार, 2024 में 4 नवंबर को भारत के आंगन में एक बार फिर से अपने जादुई रंग बिखेरेगा।
2024 ganesh chaturthi?
भगवान गणेश के जन्मोत्सव का पावन पर्व, 2024 में 20 सितंबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा।
2024 me hli kab hai?
रंगों का यह त्योहार 8 मार्च को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा।
2024 karwa chauth?
2024 में करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
chaitra navratri 2024?
9 अप्रैल: चैत्र नवरात्रि – देवी दुर्गा के नौ रूपों का नौ-दिवसीय उत्सव, घटस्थापना के साथ शुरू होता है।